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जोधपुर: चर्चित गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की शनिवार को जोधपुर कोर्ट में पेशी हुई। इस पेशी में कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उसके बयान भी दर्ज हुए। यह बयान मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 7, हर्षित हाड़ा की कोर्ट में दर्ज हुए। लॉरेंस ने ट्रैवल्स व्यवसायी मनीष जैन से रंगदारी वसूलने मामले में कोर्ट के सभी सवालों का जवाब देते हुए पूरे प्रकरण को झूठा बताया। साथ ही उसने पुलिस पर फर्जी कार्रवाई कर फंसाने का भी आरोप भी लगाया।
लॉरेंस बिश्नोई ने लगाए पुलिस पर आरोप
लॉरेंस बिश्नोई के वकील संजय बिश्नोई ने बताया कि 'शनिवार को साबरमती जेल से लॉरेंस बिश्नोई के बयान लिए गए थे। न्यायालय की ओर से लॉरेंस से करीब 55 सवाल पूछे गए। उसने इन सभी सवालों के जवाब दिए। लॉरेंस ने सवालों के जवाब देते हुए बताया कि पुलिस ने इन मामलों में उसे झूठा फंसाया है। जब ये घटना हुई और घटना के पश्चात भी, वह जेल में था। उसके पास से किसी प्रकार की कोई रिकवरी नहीं हुई। इसके बाद वह यह घटना कैसा कर सकता था। इस घटना के घटित होने से तीन साल पहले से वह जेल में था, फिर घटना को अंजाम कैसे दे सकता था।
उसने कहा, 'इस घटना के सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति आ रहे हैं, उन दोनों व्यक्तियों में वह नहीं था। दूसरी बात उसने कही कि पुलिस ने इस घटना में उसे फंसाया है। इसके बाद जब उसने इस मामले में पुलिस के साथ सहयोग करने से मना कर दिया तो उसके भाई को भी पुलिस ने इस मामले में फंसा दिया। इसके अलावा रंगदारी के मामले में पीड़ित ने कोर्ट में कोई बयान नहीं दिया। इस मामले में अभी कुछ लोगों के बयान बाकी हैं, उसके बाद फाइनल बहस होगी। उसके बाद फैसले पर फाइल आ जाएगी।'
लॉरेंस बिश्नोई ने लगाए पुलिस पर आरोप
लॉरेंस बिश्नोई के वकील संजय बिश्नोई ने बताया कि 'शनिवार को साबरमती जेल से लॉरेंस बिश्नोई के बयान लिए गए थे। न्यायालय की ओर से लॉरेंस से करीब 55 सवाल पूछे गए। उसने इन सभी सवालों के जवाब दिए। लॉरेंस ने सवालों के जवाब देते हुए बताया कि पुलिस ने इन मामलों में उसे झूठा फंसाया है। जब ये घटना हुई और घटना के पश्चात भी, वह जेल में था। उसके पास से किसी प्रकार की कोई रिकवरी नहीं हुई। इसके बाद वह यह घटना कैसा कर सकता था। इस घटना के घटित होने से तीन साल पहले से वह जेल में था, फिर घटना को अंजाम कैसे दे सकता था।उसने कहा, 'इस घटना के सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति आ रहे हैं, उन दोनों व्यक्तियों में वह नहीं था। दूसरी बात उसने कही कि पुलिस ने इस घटना में उसे फंसाया है। इसके बाद जब उसने इस मामले में पुलिस के साथ सहयोग करने से मना कर दिया तो उसके भाई को भी पुलिस ने इस मामले में फंसा दिया। इसके अलावा रंगदारी के मामले में पीड़ित ने कोर्ट में कोई बयान नहीं दिया। इस मामले में अभी कुछ लोगों के बयान बाकी हैं, उसके बाद फाइनल बहस होगी। उसके बाद फैसले पर फाइल आ जाएगी।'
लॉरेंस ने शांत ढंग से बयान दिए
अधिवक्ता पुखराज गोदरा ने बताया कि 'शनिवार को लॉरेंस बिश्नोई के बयान हुए। इस दौरान उसने लाल रंग की टी-शर्ट और नीले रंग की जींस पहन रखी थी। उसके बाएं हाथ में रुद्राक्ष की एक माला थी। उसने सिंदूर का तिलक लगा रखा था। वह बड़े सरल और शांत ढंग से बयान दे रहा था। वह कहीं से भी घबराया हुआ नहीं लगा रहा था।'
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